समाचार शगुन उत्तराखंड
शहीद ए आजम भगत सिंह की 118 वीं जयंती की पूर्व संध्या के मौके पर राजकीय इंटर कॉलेज ढेला में उन्हें विभिन्न कार्यक्रमों की माध्यम से याद किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत प्रातः कालीन सभा में भगत सिंह के चित्र पर माल्यार्पण से हुई ।उसके पश्चात ममता बोरा,मानसी कारगेतु,सुमन आर्या,आदित्य बोरा की टीम द्वारा द्वारा मेरा रंग दे बसंती चोला और सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है गीत प्रस्तुत किया गया ।अपनी बातचीत रखते हुए अंग्रेजी प्रवक्ता नवेंदु मठपाल ने कहा भगत सिंह मात्र 18 वर्ष की उम्र में 1925 में लाहौर में गठित नौजवान भारत सभा की महासचिव बने और 23 मार्च 1931 को करीब 2 साल जेल में गुजारने के बाद अपने साथियों के साथ फांसी के फंदे पर चढ़ गए। इस छोटी सी उम्र में राष्ट्रीय स्तर पर क्रांतिकारी गतिविधियां संगठित करने की साथ-साथ उन्होंने तमाम विषयों पर इतना कुछ पढ़ा लिखा, सोचकर अचंभा होता है। आज वक्त की जरूरत है कि हम भगत सिंह की विचारों को आगे बढ़ाएं और उनके सपनों का भारत बनाने के लिए प्रयास करें। इस मौके पर जी विज्ञान प्रवक्ता सी पी खाती के दिशा निर्देशन में एक सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया जिसके बहाने बच्चों ने भगत सिंह के जीवन उनके गतिविधियों और उनके साहित्य की जानकारी ली।कला शिक्षक प्रदीप शर्मा के दिशा निर्देशन में जूनियर कक्षा के बच्चों ने भगत सिंह का चित्र बनाया जबकि सीनियर कक्षा के बच्चों ने उनके विचारों से संबंधित पोस्टर का निर्माण किया। राज फुलारा ,प्रियांशु, पलक, खुशी शर्मा, खुशी बोरा, निशा,दिव्यांशी रावत,तमन्ना,दीक्षा बिष्ट ने भगत सिंह के पत्रों,लेख अछूत समस्या, विद्यार्थी और राजनीति, बम का दर्शन का वाचन किया। इस मौके पर बच्चों को भगत सिंह के जीवन की बारे में जानकारी देने वाली फिल्में भी दिखाई गई ।इस मौके पर मनोज जोशी,हरीश कुमार,सीपी खाती ,नवेंदु मठपाल, संत सिंह,शैलेन्द्र भट्ट दिनेश निखुरपा, प्रदीप शर्मा, बालकृष्ण चंद, जया बाफ़िला, संजीव कुमार,नरेश कुमार,राजेंद्र सिंह बिष्ट मौजूद रहे।