समाचार शगुन डेस्क उत्तराखंड
कुमाऊं के डॉ.अब्दुल कलाम इंजीनियरिंग कॉलेज में बन रहे सेप्टिक टैंक की शटरिंग खोलते समय दम घुटने से इंजीनियर समेत दो की मौत हो गई। पीलीभीत के मिस्त्री हसन और अल्मोड़ा के इंजीनियर शिवराज चौहान टैंक में उतरे और बेहोश हो गए। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम ने उन्हें बाहर निकाला लेकिन अस्पताल में डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस मामले की जांच कर रही है। चंपावत जिले के टनकपुर में छीनीगोठ स्थित इंजीनियरिंग कालेज में शौचालय पिट का निर्माण कराया जा रहा है, कुछ सप्ताह पूर्व पिट का लेंटर डाला गया था। इस लेंटर के लिए डाली गई शटरिंग को रविवार सात सितंबर की दोपहर खोला जा रहा था। तभी मिस्त्री हसन पुत्र तौकीर रजा (24) निवासी ग्राम नौगांव, तहसील बीसलपुर, जिला पीलीभीत पिट में गया, लेकिन काफी देर तक वापस नहीं आया। मिस्त्री के नहीं लौटने पर निर्माण करा रही कंपनी के इंजीनियर शिवराज चौहान (28) पुत्र प्रेम सिंह, निवासी चगेटी भनौली, दन्या, जिला अल्मोड़ा भी पिट में कूद गये। काफी देर तक जब दोनों वापस नहीं लौटे, इसका पता चलते ही वहां लोगों में हड़कंप मच गया। सूचना मिलने पर रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची और दोनों को अचेत अवस्था में बाहर निकाला। आननफानन में उप जिला अस्पताल के फार्मासिस्ट महेश भट्ट और 108 की एंबुलेंस के साथ मौके पर पहुंचे। दोनों ने अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया। अस्पताल के चिकित्साधीक्षक डा. घनश्याम तिवारी ने बताया कि प्रथम दृष्टया मौत का कारण दम घुटना प्रतीत हो रहा है। दोनों के मुंह में गंदा पानी भी भरा हुआ था। वास्तविक कारणों का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही चल पाएगा।