समाचार शगुन हल्द्वानी उत्तराखंड
हल्द्वानी में बुधवार 27 अगस्त को पहाड़ी आर्मी ने सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर श्री गणेश महोत्सव में श्री गणेश मूर्ति का विसर्जन की प्रथा को तत्काल बंद करने की मांग की है। ज्ञापन में कहा गया है कि देवभूमि को कई धर्म ग्रंथो, पुराणों, शास्त्रों में श्री गणेश, माता पार्वती और त्रिलोकी नाथ शिवजी का घर होने का उल्लेख मिलता है, हमारे किसी भी धर्मशास्त्र और संस्कृति में श्री गणेश जी का मूर्ति विसर्जन का उल्लेख नहीं है। देवभूमि उत्तराखंड में देवी देवताओं का आह्वान कर उनको स्थापित करने की संस्कृति है न कि विसर्जित करने की
श्री गणेश जी की मूर्ति विसर्जन करके पहाड़ की सांस्कृतिक आस्था पर ठेस पहुंच रही है यह सिर्फ पहाड़ी संस्कृति के साथ छेड़छाड़ और अतिक्रमण करना के अलावा और कुछ नहीं दिख रहा है।
पहाड़ी आर्मी के अध्यक्ष हरीश रावत ने कहा कि सरकार श्री गणेश महोत्सव को भव्य और दिव्य आयोजित करें हर हर व्यक्ति को गणित महोत्सव में प्रतिभा कारण मगर मुख्यमंत्री देवभूमि में श्री गणेश जी की मूर्ति का विसर्जन की प्रथा को तुरंत बंद करने का आदेश पारित करें। ऐसा न होने पर अपनी सांस्कृतिक धरोहर को बचाने के लिए हमारा पहाड़ी समाज स्वयं इस प्रथा को बंद करने के लिए सड़कों में उतरने के लिए बाध्य होंगा जिसके लिए पूर्ण जिम्मेदारी सरकार और प्रशासन की होगा। संगठन महामंत्री विनोद शाही, जिला अध्यक्ष मोहन कांडपाल ने कहा बॉलीवुड की देखा देखी से उत्तराखंड का संस्कृति के साथ छेड़खानी हो रही है जो कथा भी बर्दाश्त करने योग्य नहीं है देवभूमि में 33 कोटी देवी देवता वास करते हैं श्री गणेश हमारे आराध्य देव है उनका विसर्जन तर्कसंगत न्याय संगत और धार्मिक और सांस्कृतिक संबंध नहीं है जिसे तुरंत बंद किया जाए। दीपा पांडे कविता जीना और कंचन रौतेला ने कहा देवी देवताओं के नाम पर जाने वाले राज्य में इस तरीके का कृत्य अपमानजनक है इस प्रथा को रोकना अति आवश्यक है। नगर अध्यक्ष भुवन पांडे जिला संगठन मंत्री राजेंद्र कांडपाल ने चेतावनी दी यदि हमारी मांग अमल नहीं हुआ तुम हजारों हजार लोगों को लेकर सबकुम आएंगे जिसके लिए मुख्यमंत्री जी स्वयं जिम्मेदार रहेंगे। इस दौरान फौजी मदन फरत्याल, फौजी दिनेश जोशी, फौजी कमलेश जेठी,अंजू पांडे,बबीता जोशी,साक्षी,गीता देवी, पवन शर्मा, नारायण सिंह बरगली, मनोज रावत, कपिल शाह, हरेंद्र सिंह राणा, विजय भंडारी, पवन ज्याला आदि मौजूद रहे।