समाचार शगुन हल्द्वानी उत्तराखंड
अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर रामनगर ढेला में अनेक कार्यक्रम हुए। वरिष्ठ नेचर गाइड सुरेश रावत ने नेचर वाक करा बच्चों को जैव विविधता के बारे में बताया। इस मौके पर जैव विविधता के महत्व को दर्शाने वाले कला पोस्टर बनाने के साथ साथ इस विषय पर एक डॉक्यूमेंट्री मुसीबत की पोटली भी देखी गई। अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर जानकारी देते हुए वरिष्ठ नेचर गाइड रावत ने कहा यह दिवस हर साल 22 मई को मनाया जाता है। इस साल का थीम है “योजना का हिस्सा बनें” यह थीम खास तौर से जैविक विविधता के संरक्षण और प्रति व्यक्ति के सामूहिक सहयोग और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारियों को बतलाता है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य हमें जैव विविधता के महत्व को समझने, संरक्षण की जरूरत को साझा करने और प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा के प्रति हमारी जागरूकता बढ़ाने का है।
अंग्रेजी प्रवक्ता नवेंदु मठपाल ने कहा कि हमें एक ऐसे पर्यावरण का निर्माण करना है जो जैव विविधता के समृद्ध, टिकाऊ और आर्थिक गतिविधियों के लिए हमें अवसर प्रदान कर सके। जैव विविधता की कमी होने से प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़, सूखा और तूफान आदि आने का खतरा अधिक बढ़ जाता है, इसलिए जैव विविधता का संरक्षण बहुत जरूरी है। आज जरूरत है प्रत्येक दिन को जैव विविधता एवं पृथ्वी दिवस के रूप में मनाया जाय। जैव विविधता और धरती और मानव जाति की रक्षा के लिए हमें तय करना होगा कि कभी भी रसोई का कचरा पॉलिथीन बैग में भरकर न फेंके। बहुत से जंगली और घरेलू जानवर इसे खायेंगे और मर जायेंगे। एकल उपयोग प्लास्टिक को कभी भी स्वीकार न करें। कभी भी कागज, पानी, ऊर्जा, भोजन या किसी अन्य संसाधन को बर्बाद न करें। इस मौके पर विद्यालय परिसर के आसपास से प्लास्टिक भी इकट्ठा किया गया। इस मौके पर प्रधानाचार्य श्रीराम यादव, मनोज जोशी, संत सिंह, नफीस अहमद, बालकृष्ण चंद, दिनेश निखुरपा, प्रदीप शर्मा, संजीव कुमार मौजूद थे।