समाचार शगुन, हल्द्वानी उत्तराखंड
हल्द्वानी नगर निगम प्रशासन ने सरकारी भूमि को खुर्दबुर्द करने, हड़पने के लिए झूठे कूटरचित प्रार्थना पत्र व शपथ पत्रों के आधार पर षड्यंत्र रचने का आरोप बनभूलपुरा हिंसा के मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक की पत्नी साफिया मलिक, अब्दुल मलिक, अख्तरी बेगम, नबी रजा खां, गौस रजा खां व अब्दुल लतीफ पर लगाया है। गुरुवार को नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय ने इसका खुलासा किया। उन्होंने बताया कि इन लोगों ने आपराधिक षड्यंत्र रचकर राजकीय विभागों एवं झूठे शपथ पत्रों के आधार पर न्यायालय को भी गुमराह किया है। इतना ही नहीं कूटरचना करते हुए मृत व्यक्ति के नाम का उपयोग करते हुए सरकारी भूमि पर अवैध प्लाटिंग, अवैध निर्माण, अवैध हस्तांतरण करने का कार्य किया गया है। इस मामले में सहायक नगर आयुक्त गणेश भट्ट ने पुलिस को पत्र भेजकर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही का आग्रह किया है। नगर आयुक्त उपाध्याय ने बताया कि कंपनी बाग में करीब 13 बीघा जमीन है, इसमें से करीब सात बीघा जमीन खुर्दबुर्द कर दी गई है। शेष खाली भूमि को मलिक का बगीचा कहा जाता है, जहां से पिछले दिनों कब्जा हटाया गया है। निगम करीब छह बीघा जमीन अपने कब्जे में ले ली है।बताया गया है यह जमीन वर्ष 1936 से 1946 तक लीज पर दी गई, फिर 1946 से 1976 तक लीज बढ़ाई गईं, इस दरमियान नबी रजा व अख्तरी बेगम के पास यह भूमि रही। वर्ष 1976 के बाद इसकी लीज नहीं बढ़ी लेकिन भूमाफियाओं ने षड्यंत्र रचकर इस जमीन पर काबिज होने का भरपूर प्रयास किया। उन्होंने बताया कि इस भूमि से संबंधित पत्रावली निगम में संचित है। इस पत्रावली में उपलब्ध कागज संख्या 28 अध्यक्ष नगर पालिका हल्द्वानी को संबोधित से सईदा बेगम पत्नी स्व.नबी रजा एवं सलीम रजा खां पुत्र स्व.नबी रजा, अख्तरी बेगम पत्नी नन्हें खां कंपनी बाग हल्द्वानी नैनीताल का दिनांक 28-10-91 संलग्न है, इस प्रार्थना पत्र में नबी रजा खां की मृत्यु 3-10-88 को होना अंकित किया गया है। नबी रजा की मृत्यु होने के बाद भी नबी रजा के नाम से भूमि फ्रीहोल्ड करने के आवेदन व न्यायालय में मृत व्यक्ति के नाम से झूठे शपथ पत्र लगाकर रिट दाखिल की गई। वहीं साफिया मलिक ने रिट संख्या 319 में प्रार्थना पत्र दिनांक सात जनवरी 2021 संलग्न किया, इसमें अंकित किया गया है कि लीज होल्डर स्व.नबी रजा द्वारा हिबा से उनके पिता स्व.हनीफ खां को वर्ष 1994 में प्राप्त हुई थी। इससे भी स्पष्ट होता है कि साफिया मलिक ने वर्ष 1988 में मृत हो चुके नबी रजा के नाम का इस्तेमाल कर राजकीय भूमि हड़पने व खुर्दबुर्द करने का प्रयास किया जा रहा है। निगम प्रशासन ने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए कि साफिया के पिता हनीफ को कब और किस प्रकार सरकारी भूमि दी गई और किस अभिलेख से अपने वारिसों को राजकीय भूमि हस्तांतरित की गई।