साध्वी कालिंदी ने प्रहलाद का प्रसंग सुनाकर भक्त और भगवान के संबंध का व्याख्यान किया

समाचार शगुन, हल्द्वानी उत्तराखंड 

ऊधमसिंह नगर जिले के रुद्रपुर गांधी पार्क में
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से आयोजित श्रीम‌द् भागवत कथा के तीसरे दिवस में श्री आशुतोष महाराज की शिष्या साध्वी कालिंदी भारती ने प्रहलाद प्रसंग के माध्यम से भक्त और भगवान के संबंध का मार्मिक चित्रण किया। प्रहलाद के पिता हिरण्यकश्यप के द्वारा उसे पहाड़ की चोटी से नीचे फेंका गया, विषपान करवाया, मस्त हाथी के आगे डाला गया परंतु भक्त प्रहलाद भक्ति मार्ग से विचलित न हुए। विपदा या मुसीबत भक्त के जीवन को निखारने के लिए आते हैं। जिस प्रकार से सोना आग की भट्टी में तप कर ही कुंदन बनता है। ठीक वैसे ही भक्ति की चमक विपदाओं के आने पर ही देदीप्यमान होती है। दूसरी बात यह कि जो भीतर की शक्ति को नहीं जानता, वह इनसे घबराते हैं। आज समाज में अनेक किताबें है जो विपरीत परिस्थितियों में साहस न छोड़ने की प्रेरणा देती हैं पर उनमें लिखे शब्द हमारी वाणी में ही स्थान पाते हैं, कर्म में नहीं। क्योंकि जिस आत्मविश्वास की खोज हम कर रहे हैं वह आत्मा को जानने पर ही प्राप्त होगा। कहा भी गया है कि पृथ्वी पर सशक्त हथियार आत्म जागृति है। साध्वी कालिंदी ने कहा कि सदगुरू की शरण में जाने पर आत्मज्ञान को प्राप्त करने के बाद ही हमारा स्वयं पर और परमात्मा पर विश्वास स्थिर होता है। फिर इस साहस से उपजता है अदम्य साहस जो हमें असंभव को संभव करने की शक्ति देता है इसलिये जिस भी सफलता को हम प्राप्त करना चाहते हैं, उसका आधार है आत्मविश्वास, वह केवल आत्मज्ञान से ही संभव है। इस मौके पर राम महेश कुमार गोयल ने सपरिवार पूजन किया। कार्यक्रम में दर्जा राज्यमंत्री उत्तम दत्ता, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भाजपा किसान मोर्चा अनिल चौहान, समाजसेवी संजय ठुकराल, चंद्रसेन कोली, विक्की आहूजा,परिमल मंडल, विकास गोयल, प्रवीण रहेजा, अजय ठुकराल ,प्रकाश गोयल जी,सौभा गोयल जी,नीलम मित्तल जी,सोनम सीडाना जी,शैली फूटेला, मीना शर्मा समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।

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